WHAT IS EARTH TESTER ||अर्थ टेस्टर कैसे काम करता है? सिख लो बहुत काम की चीज़ है

लेखक श्री राजेश अलोने विद्युत अभियंता

परिचय(Introduction to Earth Tester):-


जब हम किसी सबस्टेशन या संस्था में अर्थिंग करते हैं तो अर्थिंग करने के लिए यह सुनिश्चित करना पड़ता है कि उस जगह की जमीन का रजिस्टेंस कितना है। एक मानक पैमाने के अनुसार अर्थिंग के लिए जमीन का रजिस्टेंस 1 ओम से कम होना चाहिए। इसका पता लगाने के लिए हमें जमीन का परिक्षण करना होता है| इसके लिए Earth Tester नामक यंत्र का इस्तेमाल किया जाता हैं।

प्रतिरोध क्या है? || WHAT IS REGISTANCE


What is Earth Resistance Tester ?


जब किसी सर्किट से करंट Leakage होता है तो उसे ग्राउंड करने के लिए Earthing किया जाता है। अर्थिंग अलग-अलग प्रकार से की जाती है। किसी उपकरण को अर्थिंग करने की एक प्रक्रिया होती है। इसके तहत गढ्डा खोद के उपकरण को कनेक्ट किया जाता है।
Earth के गढ्डे का का प्रतिरोध समय समय पर चेक किया जाता है। अर्थिंग सिस्टम का प्रतिरोध चेक करने के लिए Earth Tester का उपयोग किया जाता है।


जमीन का प्रतिरोध मापना जरूरी क्यों होता है ?


जब हम अर्थिंग करते है तो यह भी ध्यान दिया जाना चाहिए कि अर्थिंग सही तरीके से काम कर रहा है या नहीं। हम जानते हैं कि अर्थिंग तभी अच्छी मानी जाती है जब अर्थिंग इलेक्ट्रोड और जमीन के बीच का प्रतिरोध 1 ओम से कम हो। कभी-कभी ऐसा होता है कि हम बिना परीक्षण किए अर्थिंग कर देते हैं। अर्थिंग की continuity की जांच भी सही से दिखाता है, लेकिन जब अर्थ इलेक्ट्रोड का जमीन से ठीक से संपर्क नहीं होता है, तो लीकेज करंट जमीन में नहीं जा पाता| ऐसे में हमारी अर्थिंग फेल हो जाती है। यही कारण है कि हमें जमीन का प्रतिरोध परीक्षण करना अनिवार्य होता है।


अर्थिंग को मानव एवं उपकरण की सुरक्षा के लिए किया जाता है। जब किसी उपकरण में लीकेज करंट होता है, तो एक अच्छी अर्थिंग इसे जमीन में पास कर देता है। लीकेज करंट जमीन में पास होने के कारण हमें सुरक्षा मिलती है।


अर्थ टेस्टर की बनावट


अर्थ टेस्टर बनावट में काफी सरल होता है। यह बॉक्स के आकार का एक यंत्र होता है। एक तरफ लीड सॉकेट बने होते हैं जिसमें लीड लगाए जाते हैं।
इसमें एक मीटर लगाया जाता है। यह प्रतिरोध की रीडिंग दर्शाती है। इसमें एक हैंडल लगा होता है। इसे घुमाने पर इसके अंदर स्थापित परमानेंट मैग्नेट की मदद से डीसी जनरेटर डीसी करंट उत्पन्न करता है।
इसमें चार टर्मिनल C1 C2 तथा P1 P2 होते हैं।
P1 :- primary potential terminal
P2 :- secondary potential terminal
C1 :- primary current terminal
C2 :- secondary current terminal

Earth Tester की संरचना


इसकी संरचना बहुत सरल होती है। डिजिटल और एनालॉग दोनों अर्थ टेस्टर का कार्यसिद्धांत एक समान होता है। एनालॉग में हैंडल द्वारा ऑपरेटेड किया जाता और डिजिटल में एक बटन को प्रेस करना होता है। दोनों प्रकार के मीटर में चार टर्मिनल होते है। एनालॉग में पॉइंटर से प्रतिरोध की वैल्यू काटे द्वारा दर्शाते है और डिजिटल में डिजिट मिलती है।


अर्थ टेस्टर का प्रयोग use of earth tester


अर्थ टेस्टर के टर्मिनल नियमानुसार जोड़ते हैं। इस मे अर्थ इलेक्ट्रोड है इसे जमीन से कनेक्ट करके प्रतिरोध ज्ञात किया जाता है। अर्थ टेस्टर के P1 तथा C1 को शॉर्ट करके जहां पर अर्थिंग करना है वहीं पर जमीन में गाडा जाता है।
इसमें एक C इलेक्ट्रोड होता है, जो करंट इलेक्ट्रोड कहलाता है। इस इलेक्ट्रोड को earth इलेक्ट्रोड से 90 मीटर या 140 मीटर की दूरी पर जमीन में गाड़ देते हैं।
एक और P इलेक्ट्रोड होता है इसे potential electrode कहते हैं। इसे अर्थ इलेक्ट्रोड तथा करंट इलेक्ट्रोड के बिच में गाड़ा जाता है।


How to Check Earth Resistance by Earth Tester


Earth Tester से Earth Resistance चेक करना आसान होता है। निम्नुसार टिप्स फॉलो करके चेक किया जा सकता है|
=> अर्थिंग के गड्डे का रेजिस्टेंस चेक करने से पहले अर्थ टेस्टर को चेक करना चाहिए।
=> अर्थिंग रोड को अर्थिंग पट्टी से हटा देना चाहिए ।
=> Earth Tester के P1 और C1 को शार्ट करना चाहिए।
=> P1-C1 टर्मिनल से एक वायर निकलकर अर्थ इलेक्ट्रोड से जोड़ना चाहिए।

DC जनरेटर वाला अर्थ टेस्टर या एनालॉग अर्थ टेस्टर


DC जनरेटर वाला अर्थ टेस्टर मूविंग कोइल मीटर के सिद्धांत पर काम करता है। इसमें एक DC जनरेटर होता है और रोटेटिंग रेक्टिफायर यूनिट होता है।
सभी प्रकार के कनेक्शन करने के बाद जनरेटर में लगे हैंडल को लगभग 160RPM पर घुमाते है। इस समय जमीन से बहने वाली करंट, इलेक्ट्रोड, करंट कोइल और प्रेशर कोइल मिलाकर एक टॉर्क उत्पन्न करते है। यह टॉर्क बिंदु को स्थानांतरित करने और प्रतिरोध का मान दर्शाने का काम करता है।
अर्थ रेजिस्टेंस जितना कम हो उतना ही अच्छा माना जाता है। अर्थ प्रतिरोध का मान 1 Ω (ओम) से कम हो तो बहुत ही अच्छा होता है।
Digital Earth Tester


Digital अर्थ टेस्टर एक मेगर के जैसा काम करता है। मेगर में आउटपुट DC वोल्टेज होता है। लेकिन Earth Tester का आउटपुट AC वोल्टेज होता है।