writer Mr. Rajesh Aloney Electrical Engineer
introcuction
जैसे जैसे टेक्नोलॉजी विकसित हुई वैसे वैसे लोग साधारण इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस से Touch Screen का उपयोग करने लगे| मार्किट में आजकल अधिकतर इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जैसे लैपटॉप, टेबलेट, स्मार्टफोन आदि स्क्रीन टच ही मिलने लगे है| इस पोस्ट में समझेंगे की स्क्रीन टच कैसे काम करता है|
Touchscreen क्या है ?(what is touchscreen?)
टच स्क्रीन एक प्रकार का display होता है। जिसको अंगुलियों से कण्ट्रोल किया जाता है। आसान भाषा में अगर इसे समझे तो यह स्क्रीन जो छूने से कार्य करता है| यदि स्क्रीन पर टच किया जाये तो उस जगह पर pressor बनता है और वह device उस प्रेसर के अनुसार कार्य करता है। पहले किसी भी डिवाइस को कण्ट्रोल करने के लिए एक खास तरह का कीपैड या कीबोर्ड की जरूरत पड़ती थी।
touch screen के बारे में अपने बिचार सबसे पहले E.A. Johnason ने सन 1960 में दुनिया के सामने रखा था। बहुत से वैज्ञानिको ने इस बात पर विचार किया और एक्सपेरिमेंट भी किये। Feank Back और Bent Stumpe ने सबसे पहले सन 1970 में इस technology को lounch किया।
screen Touch कैसे काम करता है? (How to work Screen Touch)
स्क्रीन टच के नीचे एक Electricity Conductive परत होती है| जब Display को ऊँगली लगाई जाती है तो डिस्प्ले के Electric पॉवर में changes होते है , जिससे सिस्टम को पता लगता है कि किसी जगह पर टच किया गया है|
जब हम स्क्रीन को टच करते हैं तो इसके अंदर मौजूद इलेक्ट्रिक पॉवर की मदद से डिवाइस यह पता कर लेता है की किस जगह पर टच किया है| इस करंट को वर्क करने के लिए मानव शरीर से उत्पन्न करंट की जरूरत होती है| यदि हम प्लास्टिक या रबर से टच करे तो यह वर्क नहीं करेगा।
टच स्क्रीन में मुख्य तीन चीज़े महत्वपूर्ण होती हैं|
Touch Sensor
Controller
Software Driver
Touch Sensor
सेंसर में इलेक्ट्रिक पॉवर होता है, जब स्क्रीन को टच किया जाता है तो इस इलेक्ट्रिक पॉवर में बदलाव होता है जिससे यह पता लगता है कि टच किस जगह में किया गया है|
Controller
यहTouch Sensor से Information collect करता है और कंप्यूटर सिस्टम को समझाने के लिए Translate करता है|
सॉफ्टवेयर ड्राइवर (Software Driver)
इसी की सहायता से कंप्यूटर और स्क्रीन टच एक साथ काम करते हैं| यह controller द्वारा भेजे गए Touch signal की जानकारी को Operating System तक भेजता है|
स्क्रीन टच का इतिहास (History of Touch Screen)
टच स्क्रीन का आईडिया सबसे पहले ब्रिटेन के वैज्ञानिक EA Jhonson के मन में आया था| इन्होने ने आज के Smartphone में लगने वाले Capacitive Touch Screen का आईडिया दिया था|
इसके बाद सन 1970 में Doctor Gorge Samual Hurst ने टच स्क्रीन का एक और डिज़ाइन तैयार किया गया|. जो विश्वविध्यालय में परमाणु भौतिकी का अध्धयन करते समय बनाया गया था | इसका नाम एलोग्रफिक्स रखा गया था| 1975 में Hurts ने सबसे पहली Resistive Touch Screen तैयार की| इस टच स्क्रीन को सन 1982 तक दुनिया के सामने नहीं लाया गया|
सन 1982 से पहले कई टच स्क्रीन बनाये गए लेकिन ये मानव के द्वारा Control नहीं होते थे|
इसमें बहुत सारे सुधारों सन 1982 में पहला मानव द्वारा control होने वाला टच डिवाइस निमिश मेहता के द्वारा बनाया गया|
इस Device में एक कैमरे के सामने एक Frosted Glass का Pannel रखा गया जिससे स्क्रीन पर दिखाई देने वाले Black Spot की पहचान करके Action का पता लगाया गया|
टच स्क्रीन के प्रकार (Type of Touch Screen)
टच स्क्रीन मुख्य चार प्रकार के होते हैं –
Resistive Touch Screen
Capacitive Touch Screen
Infrared Touch Screen
Surface Wave Touch Screen
Resistive Touch Screen
इस प्रकार के टच स्क्रीन में एक Flexible परत होती है जो कि Conducting Plastic से बनाई जाती है|
एक Rigid Lower Layer होती है जो Conducting कांच की बनाई जाती है| इन दोनों के बीच में स्पेस रखा जाता है|
जब टच स्क्रीन को टच किया जाता है तो इसमें से वोल्टेज फ्लो होता और जिस जगह टच किया जाता है वहा जाकर Preocess करता है|
इस प्रकार के Touch Screen की Clearity 77 प्रतिशत होती है| और ये धुल, पानी, मिटटी आदि बाहरी तत्वों से ख़राब नहीं होते हैं|
आजकल इस प्रकार के Touch Screen का उपयोग Electric Signature आदि के लिए बहुत अधिक किया जाता हैं|
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Capacitive Touch Screen
Capacitive Touch Screen एक प्रकार का Control Display होता है जो इन्सान की अंगुली के स्पर्श के द्वारा Input लेती है| क्योकि यह टच स्क्रीन मानव शरीर से उत्पन्न Electricity को महसूस करती है|
यह अन्दर से Conductive मटेरियल से बनाई जाती है| और बाहर से कांच की बनी होती है| जब हम उँगलियों से टच करते हैं तो शरीर से निकलने वाली Electricity के द्वारा यह काम करती हैं|
यदि हम हाथ में दस्ताने पहने और इस टच स्क्रीन का उपयोग करे तो काम नहीं करता है| क्योकि दस्ताने विद्युत के कुचलक होते हैं|
Resistive Touch Screen की तुलना में Capacitive Touch Screen की Clearity ज्यादा होती है| ये हल्के टच से भी अधिक सटीकता से काम करते हैं| इसका उपयोग स्मार्टफोन, टेबलेट, आदि में किया जाता हैं|
Infrared Touch Screen
इस प्रकार की स्क्रीन में Grid Pattern Of LED और Light Dedector Photo cell का उपयोग किया जाता है| LED से Infrared Light निकलती है जो Screen के आगे से निकलती है|
जब स्क्रीन को टच किया जाता है तो इसमें बनने वाले लाइट बीम के रस्ते में रुकावट होती है| स्क्रीन में एक माइक्रोचिप लगी होती है जो Beam की संख्या को काउंट करती है| जहाँ पर Beam में रुकावट होती है उसे Process करने के लिए Controller को निर्देश भेजती है|
Surface Wave Touch Screen
Surface Wave Touch Screen में Ultrasonic Wave को Touch Screen के ऊपर से गुजरते है| जब स्क्रीन को टच किया जाता है तो स्क्रीन के एक छोटे से भाग के Wave में परिवर्तन होता है|
Ultrasonic Wave में इसी परिवर्तन के कारण टच किये गए जगह को पता करके Controller को Processing के लिए निर्देश भेजा जाता है| यह अन्य टच स्क्रीन के कम्पेयर में Advance होता हैं|
टच स्क्रीन के फायदे (Advantage of Touch Screen)
टच स्क्रीन के बहुत से हैं जिनमें से कुछ निम्नानुसार हैं
• टच स्क्रीन में हम बिना किसी कीबोर्ड के भी आसानी से काम करसकते है|
• टच स्क्रीन वाले डिवाइस में स्क्रीन का साइज़ बड़ा होता है हम किसी काम को आसानी से कर सकते पाते हैं|
• इनका Interface User Friendly होता है|
टच स्क्रीन के नुकसान (Disadvantage of Touch Screen)
टच स्क्रीन के बहुत सारे फायदे हैं वही कुछ नुकसान भी हैं
• इसकी बैटरी लाइफ कम होती है क्योकि इन्हें रन होने के लिए अधिक Power की आवश्यकता होती है|
• धुप में में टच स्क्रीन का उपयोग करना थोडा कठिन है क्योकि धुप में अन्दर के फंक्शन आसानी से दिखाई नहीं देते है|
• टच स्क्क्रीन ख़राब होने पर आसानी से नहीं सुधारते हैं|
• साधारण Screen की तुलना में टच स्क्रीन थोड़े महंगे होते हैं|
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