लेखक श्री राजेश अलोने इलेक्ट्रिकल इंजिनियर
current divider rule hindi
ELECTRICAL CIRCUIT में दो प्रकार के CONNECTION होते है| CIRCUIT में लगने वाले रजिस्टेंस CIRCUIT को पूरा करने के लिए उपयोग किये जाते है |
ये REGISTANCE श्रेणी क्रम ( Series ) में या समान्तर क्रम ( Parallel ) में लगे हो सकते है| इन दोनों ही कंडीशन में REGISTANCE के लिए VOLTAGE और CURRENT के अलग अलग RULE लागु होते है |
यदि कोई REGISTANCE, VILTAGE SOURCE के समान्तर क्रम में लगाया जाये तो, समान्तर क्रम में लगे सभी REGISTANCE का VOLTAGE एक जैसा होता है लेकिन इनमे बहने वाली CURRENT अलग अलग होती है|
लेकिन यदि ये REGISTANCE VILTAGE SOURCE के श्रेणी क्रम में जोड़े जाये तो इनका VOLTAGE अलग अलग होता है लेकिन CURRENT का मान एक समान होता है|
अब CURRENT DIVIDER RULE को समझने के लिए हमें एक ऐसा CIRCUIT चाहिए जिसमे सभी REGISTANCE, VOLTAGE SOURCE के समान्तर क्रम में जुड़े हो |
अब हम एक ऐसा CIRCUIT लेते है जिसमे सभी REGISTANCE VOLTAGE SOURCE के समान्तर में जुड़े हुए है | CIRCUIT की OUTPUT CURRENT जो सभी REGISTANCE से होकर जाती है| इन सभी REGISTANCE में CURRENT मान अलग अलग होता है| सभी REGISTANCE का मान जोड़ा जाये तो INPUT CURRENT के बराबर होगा| इसे ही करंट डिवाइडर रुल कहते है |
मतलब यह हुआ की CIRCUIT की INPUT CURRENT और OUTPUT CURRENT का मान बराबर होता है| OUTPUT CURRENT उन REGISTANCE का योग होता है जो CIRCUIT में लगे अलग – अलग Elements से होकर बहती है |
इस तरह के CIRCUIT में सभी REGISTANCE से बहने वाली CURRENT को इस प्रकार DIVIDE किया जाता है की सभी REGISTANCE में energy loss कम हो| तभी INPUT CURRENT और OUTPUT CURRENT का मान बराबर होगा |
एमसीबी कैसे ट्रिप होती है?
How Remdesivir workएमसीबी कैसे ट्रिप होती है ||
कृत्रिम बारिश।। क्लाउड सीडिंग क्या है?
THREE PHASE STARTER
Current devider formula hindi
करंट डिवाइडर रुल को समझने के लिए एक CIRCUIT लेते है जिसमे दो REGISTANCE R ₁ और R ₂ है| इन दोनों को एक दुसरे के समान्तर में जोड़ देते है| तथा CIRCUIT में VOLTAGE SOURCE भी समान्तर क्रम में जोड़ देते है |

अब मानते है की
वोल्टेज सोर्स = V
उससे बहने वाली करंट का मान = I
रजिस्टेंस R ₁ से बहने वाली करंट का मान = I ₁
रजिस्टेंस R ₂ से बहने वाली करंट का मान = I ₂
आउटपुट करंट का मान = I0
इस स्थति में आउटपुट करंट दोनों प्रतिरोधो R ₁ तथा R ₂ से बहने वाली करंट के योग के बराबर होगा|
आउटपुट करंट ( I0 ) = I ₁ + I ₂ ———————— formula no. ( 1 )
लेकन दोनों रजिस्टेंस समान्तर में जुड़े होने के कारण दोनों के लिए वोल्टेज V सामान रहेगा
अब ओह्म के नियम V = I × R के अनुसार
I ₁ = V / R ₁
I ₂ = V / R ₂
अब इन दोनों मान FORMULA NO. 1 में रखने पर
I0 = V / R ₁ + V / R ₂
I0 = V [ 1 / R ₁ + 1 / R ₂ ] —————————-FORMULA NO. ( 2 )
यदि V का मान निकाला जाए तो
V = I0 [R ₁ R ₂ / R ₁ + R ₂ ] ———————————–FORMULA NO. ( 3 )
करंट I ₁ का मान
I ₁ = V / R ₁
I ₁ = I0 [ ( 1 / R ₁ ) / ( 1 / R ₁ + 1 / R ₂ ) ]
या
I ₁ = I0 [ R ₂ / R ₁ + R ₂ ] —————————-FORMULA NO. ( 4 )
करंट I ₂ का मान –
I ₂ = V / R ₂
I ₂ = I0 [ ( 1 / R ₂ ) / ( 1 / R ₁ + 1 / R ₂ ) ]
या
I ₂ = I0 [R ₁ / R ₁ + R ₂ ] ——————————-FORMULA NO. ( 5 )
FORMULA NO, 4 एव 5 से से R ₁ तथा R ₂ में बहने वाली करंट I ₁ तथा I ₂ का मान निकला जा सकता है |
इन फार्मूला का प्रयोग तब किया जा सकता है जब सर्किट में केवल दो ही रजिस्टेंस जुड़े हो |
लेकिन दो से ज्यादा रजिस्टेंस जुड़े हो तब
सर्किट में n प्रतिरोध जुड़े हो तब करंट का फार्मूला इस प्रकार होगा –
I n = I0 [ R / R n ]
जहा –
I n = रेजिस्टेंस की करंट
I0 = परिपथ की टोटल करंट
R = सर्किट का प्रतिरोध
अल्टरनेटर क्या है?|| What is Alternator
WORKING PRINCIPLE OF TESLA COIL
डी.सी.मोटर (D.C. Motor) क्या है || डीसी मोटर का कार्य सिद्धांत
Slipring Motor का उपयोग क्रेन में क्यों किया जाता है?
Electric fan कैसे काम करता है? || WORKING OF FAN REGULATOR
डायोड क्या है ? कार्य सिद्धांत | डायोड के प्रकार
Transistor क्या है || और यह कैसे काम करता है?
WHAT IS FUSE || फ्यूज कैसे कार्य करता है
Earthing क्या है || अर्थिंग कैसे करे
#nickyelectricalsupport
construction #engineering #contractor #plumbing #electrician #electricity #electricalengineering #electricians #electricalengineer
#engineeringjobs #electrical_engineering #powerengineering #electricaltools