CT और PT क्या है? || Defference Between Current Transformer and Potencial Transformer || Instrument Transformer CT And PT ||

परिचय (लेखक श्री राजेश अलोने -इलेक्ट्रिकल इंजिनियर )

WHAT IS CT And PT


करंट ट्रांसफार्मर और पोटेन्शियल ट्रांसफार्मर दोनों को instrument transformer कहा जाता है क्क्योकी इनके द्वारा हाई वोल्टेज और हाई करंट measure किया जाता है|


सीटी का उपयोग क्यों किया जाता है?


किसी सर्किट में जब करंट फ्लो होता है तब उस करंट को मापने के लिए CT का उपयोग किया जाता है। यहाँ एक स्टेप अप ट्रांसफार्मर होता है|


33 kv ct pic


डिजिटल clamp meter में भी CT लगी होती है| लेकिन जब सर्किट में ज्यादा करंट होती है तब हब क्लैंप मीटर की use नही कर सकते क्योकि इसकी कुछ लिमिट होती है उससे ज्यादा नहीं माप सकता| ऐसे सर्किट में हम करंट ट्रांसफार्मर का उपयोग करते है|


How work CT (सीटी काम कैसे करती है?)


करंट ट्रांसफॉर्मर में एक ratio होता है जिसे सीटी ratio कहते है। जैसे 200-100-5A , 300-150-5A आदि होता है| CT सर्किट के करंट को माप कर यदि ज्यादा करंट हो तो उसे अपने RATIO के अनुसार कम करके सर्किट में आउटपुट करता है|


CURRENT TRANSFORMER की सेकेंडरी वाइंडिंग शोर्ट रखते?

CT की सेकेंडरी वाइंडिंग कभी भी ओपन नहीं ररखी जाती क्योकि यह एक स्टेप अप प्रकार का ट्रांसफार्मर होता है| जब ट्रांसफार्मर के सेकेंडरी साइड में अमीटर जुड़ा नहीं होगा तब उसमे करंट शुन्य होगा| लेकिन इलेक्ट्रो मोटिव फ़ोर्स ज्यादा होगा| यदि सेकंड्री वाइंडिंग ओपन होगी यानि की नो लोड पर होगी तो उसमे फ्लक्स बहुत ज्यादा बढ़ जायेगा| जिसके कारण आउटपुट में हाई वोल्टेज मिलेगा| इसलिए इसके सेकेंडरी वाइंडिंग को शोर्ट करके रखा जाता है|

What is PT (पोटेंशियल ट्रांसफार्मर क्या है?)


pt pic


PT का पूरा नाम potential transformer है। यह सर्किट के वोल्टेज को मापती है और ज्यादा होने पर control करती है|


How work potrncial Transformer (PT)


पोटेंशनल ट्रांसफार्मर हाई वोल्टेज को ने रेशो के अनुसार control कर के लाइन में आउटपुट करता है| इसका उपयोग ज्यादातर ट्रांसमिशन लाइनों में किया जाता है| ट्रांसमिशन लाइन में बहुत ज्यादा वोल्टेज होता है| 11 केवी या 33 केवी के वोल्टेज को मापना आसान नहीं होता है इसलिए पोटेंशिअल ट्रांसफार्मर द्वारा वोल्टेज को कम करके वोल्ट मीटर द्वारा मापा जाता है|

pt pic

difference Between CT and PT (CT और PT में अंतर)


• करंट ट्रांसफार्मर CT का उपयोग करंट के अम्पीयर मापने के लिए किया जाता है| जबकि पोटेंशनल ट्रांसफार्मर का उपयोग वोल्टेज मापने के लिए होता है।
• PT को circuit में पैरेलल कनेक्शन में जोड़ा जाता है| जबकि CT को सीरीज में जोड़ा जाता है।
• CT का रेशो 1 एम्पेयर और 5 एम्पेयर में मापा जाता है| और PT RATIO 110 वोल्टेज में मापा जाता है।
• PT स्टेप डाउन प्रकार का ट्रांसफार्मर होता है| और CT स्टेपअप प्रकार का ट्रांसफार्मर होता है।