परिचय (लेखक श्री राजेश अलोने -इलेक्ट्रिकल इंजिनियर )
what is Inverter and how work inverter?
यदि आपके घर पर बिजली की व्यवस्था ख़राब हो या ज्यादा बंद चालू होती होगी और आप उसका निवारण चाहते हो, या इन्वर्टर के बारे मे जानना हो तो इन सवाल के जवाब आपको nicky electrical के इस post में आसान भाषा में मिलेंगे।
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Inverter का मतलब होता है बदलने वाला
इन्वर्टर बिजली के स्वाभाव को बदलता पलटता है।
1 – AC – Alternating Current
2 – DC – Direct Current
हमारे घरो मे आने वाली बिजली AC (Alternating Current) होती है। इसका जनरेशन पावर प्लांट में होता है। और इसे DISTRIBUTION SYSTEM के द्वारा हमारे घर तक पहुचाया जाता है।

DC CURRENT को AC CURRENT में बदलने वाले उपकरण को INVERTER कहते है।
पुरे SYSTEM को कम शब्दों में कहा जाये तो, DIRECT CURRENT को अल्टेरनेटिंग करंट में CHANGE करने वाला उपकरण ही INVERTER कहलाता है ।
इन्वर्टर का महत्वपूर्ण पार्ट बैटरी होता है। बैटरी से DC करंट मिलता है। इन्वर्टर का मुख्य कार्य बैटरी से आने वाले DC करंट को AC में बदलना होता है। जिससे हम अपने घर के उपकरण चला सकते है।
इन्वर्टर की जरुरत क्यों है हमें?
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हमारे जीवन में ELECTRICITY का महत्वपूर्ण योगदान है| बिना बिजली के कोई भी उपकरण काम नहीं कर सकता
कई इलेक्ट्रिसिटी पावर सप्लाई बाधित हो जाती है या कोई फाल्ट की बजह से बिजली फ़ैल हो जाती है। तो इस
समय बिजली की पूर्ति करने के लिए हमारे घरो में इन्वर्टर लगाते है। इन्वर्टर की कैपेसिटी हमारे घर के इलेक्ट्रिकल लोड के हिसाब से लगाया जाता है।
इन्वर्टर कैसे काम करता है? (How to work Inverter in Hindi)
inverter के input में AC supply दी जाती है। आउटपुट भी हमें AC सप्लाई ही मिलती है।
इन्वर्टर की बैटरी DC सप्लाई से चार्ज होती है। ये DC सप्लाई रेक्टिफायर यूनिट के द्वारा AC से DC में कन्वर्ट की जाती है। ये DC CURRENT INVERTER के द्वारा AC में बदला जाता है।

बदला हुआ AC सप्लाई स्टेप उप ट्रांसफार्मर द्वारा आउटपुट 240 V AC में बदला जाता है। जिससे हमारे घर के उपकरण चला सकते है। यह पूरी प्रक्रिया AUTOMATIC होती है।
Types of Inverter – (इन्वर्टर के प्रकार)
इन्वर्टर की आउटपुट DC SUPPLY से AC हमें एक वेव फॉर्म में प्राप्त होती है। इस वेव फॉर्म के आधार पर इन्वर्टर के प्रकार का वर्गीकरण किया गया है।
इन्वर्टर मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते है।
A- Square Type Inverter
इस प्रकार के इन्वर्टर में वेव फॉर्म स्क्वायर टाइप का होता है इसीलिए, इसे स्क्वायर टाइप इन्वर्टर कहते है।
Square इन्वर्टर की कीमत सस्ती होती है।
इसमें साउंड की प्रॉब्लम होती है।
इस प्रकार के इन्वर्टर में अधिक लोड नही दिया जा सकता|
पावर बंद होने के बाद इसे ऑन होने में समय लगता है।
इसकी कार्य दक्षता बहुत कम होती है।
B- Modify Sign Wave Inverter
Modify SIGN WAVE इन्वर्टर दो इन्वर्टर का COMBINATION होता है। स्क्वायर वेव और प्योर साइन वेव दोनों मिलाके मॉडिफाई साइन वेव इन्वर्टर तैयार किया गया है।
लेकिन यह इन्वर्टर इतना SUCCESS नहीं हुआ। इसका इस्तेमाल बहुत कम होता है।
C- Pure Sign Wave Inverter
यह सबसे अच्छा इन्वर्टर माना जाता है। इसका वेव फॉर्म प्योर साइन वेव होता है।
ये कीमत में थोड़ा मंहगा भी है।
इसमें कैपेसिटी के अनुसार सभी उपकरण चला सकते है।
साइन वेव इन्वर्टर की आवाज दूसरे तुलना में कम रहती है।
इस प्रकार का इन्वर्टर में पावर फ़ैल होने का पता ही नहीं चलता। तुरंत बैकअप मिल जाता है।
साइन वेव की कार्य क्षमता अच्छी होती है।