इस पोस्ट में हम Transformer की rating KVA में क्यों होती है, इस बात पर चर्चा करेंगे| यह प्रश्न इलेक्ट्रिकल इंटरव्यू में भी कई बार पूछा जाता है।
Transformer में KVA
ट्रांसफार्मर एक STATIC ELECTRICAL MACHIN है। इसके द्वारा VOLTAGE को STEP UP या STEP DOWN किया जाता है|

KVA का पूरा नाम- Kilo Voltage Ampere होता है इसमे kilo = 1000V होता है। KVA की VALLUE वोल्टेज ओर एम्पेयर(करंट) को गुणा करके निकाला जाता है।
परन्तु मोटर की रेटिंग KW में क्यों होती है?
KW का पूरा नाम– Kilo Watt होता है
KW निकालने के लिए वोल्टेज ओर करंट के साथ साथ पावर फैक्टर को भी गुणा किया जाता है।
KW= K×V×A×P.F.
KVA ओर KW में भिन्नता
KVA ओर KW में सिर्फ पॉवर फैक्टर का ही अंतर होता है। अगर KVA में पावर फैक्टर को गुणा करेंगे तो KW की VALLUE निकल जाएगी। पावर फैक्टर लोड के अनुसार पर बदलता है।
इलेक्ट्रिकल में तीन तरह लोड होते है।

- Resistive Load (रजिस्टिव लोड)
- Inductive Load (इंडक्टिव लोड)
- Capacitive Load (कैपेसिटिव लोड)
इन तीनो लोड का पावर फैक्टर अलग-अलग होता है।
Transformer की Rating KVA में होने के कारण
पहला कारण
ट्रांसफार्मर को बनाते समय यह पता नही होता है की उसे कितने load पर जोड़ा जायेगा और उसका पॉवर फैक्टर कितना होगा
दूसरा कारण
ट्रांसफॉर्मर में दो तरह कर LOSSES होते है।
- Copper loss (कॉपर लॉस)
- Iron loss/Core Loss (आयरन लॉस)
Copper Loss- यह ट्रांसफार्मर की वाइंडिंग में होता है। इसे CURRENT LOSS भी कहते है। यह ट्रांसफार्मर की OUTPUT CURRENT पर निर्भर करता है।

जब ट्रांसफॉर्मर पर लोड डाला जाता है, तो ट्रांसफार्मर की वाइंडिंग गर्म होती है। इस हीट के कारण से कुछ पॉवर लॉस होते है, इसे कॉपर लॉस कहलाते है।
Core loss & Iron loss-
कोर लॉस वोल्टज के कारण होते है। ट्रांसफार्मर का वोल्टेज लगभग एक जैसा ही रहता है|

वोल्टेज फिक्स होने के कारण ट्रांसफार्मर के कोर लॉस मतलब आयरन लॉस भी हमेशा फिक्स रहते है।
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