हमें प्रेस की जरुरत क्यों पड़ती है
समय के साथ-साथ हमारे कपड़े भी पुराने होने लगते हैं और धीरे-धीरे कमजोर होते चले जाते हैं। और समय से पहले ही ख़राब हो जाते हैं।
इसी समस्या के कारण Press Iron का आविष्कार किया गया है। ये 220 volt ac पर work करता है। Iron का काम होता है कपड़ों को गर्म करके उसकी सलो को ठीक करना।
Working of press iron
Press iron में एक input केबल होता है जो जिससे सप्लाई दी जाती है। जब आयरन को सप्लाई मिलती है तो उसका coil गर्म होने लगता है। जैसे जैसे क्वाईल गर्म होती प्रेस आयरन के निचे का भाग भी गर्म होता है। आयरन के निचे की सतह समतल होती है इसमें एक handle लगा होता है जिसे पकड़कर कपडे पर चलाया जाता है। इसी प्रक्रिया को प्रेस आयरन कहते है।
प्रेस आयरन के फायदे
TYPE OF PRESS IRON
प्रेस आयरन बाज़ार में के कई दामो और विभिन्न आकर के मिलते हैं। इस्तेमाल के आधार पर प्रेस iron निम्नलिखित प्रकार के होते हैं।
WITHOUT ELECTRIC PRESS IRON
ये press iron electricity पर नहीं कोयले को जलाकर use किये जाते हैं। इसके अंदर के भाग में कोयला भरकर जलाया जाता है। जब कोयला जलता है तो आयरन के निचे का भाग गर्म होता है फिर इसे कपड़े पर घुमाया जाता
ये आयरन कोयले की गर्मी पर कार्य करता है इसलिए इसका तापमान नियंत्रित नहीं किया जा सकता है।
इसका इस्तेमाल वहा होता है जहाँ बिजली की समस्या होती है। आपने किसी धोबी को इस प्रेस आयरन को चलते हुए देखा होगा क्योंकि बिजली के अनुपस्थिति में भी उनका काम चलता रहता है।
ELECTRICAL PRESS IRON
यह प्रेस आयरन ELECTRICITY पर WORK करता है। जितना ज्यादा voltage होगा, यह उतना ही गर्म होगा। लेकिन इसे 200 या 220 volt से ज्यादा सप्लाई नहीं देना चाहिए वर्ना coil जलने की संभावना उत्पन्न हो जाती है और कपडे भी जल सकते है।
ये दो प्रकार के होते है
MANUAL PRESS IRON
घरों के voltage एक समान नहीं रहते और कम ज्यादा होते रहते हैं। जब हम कपडे प्रेस कर करते हैं और उस time voltage ज्यादा हो जाए तो कपडे जल सकते है।
इससे से बचने के लिए इसमें on- off switch होता है। जब प्रेस आयरन में ज्यादा हीट होती है तब स्विच को किया जाता है और जब इसका तापमान कम हो जाता है तब ऑन करना पड़ता है।
AUTOMATIC ELCTRIC PRESS PRESS
Automatic press iron बहुत ही अच्छा और सुरक्षित होता है। इस आयरन में एक automatic controler लगा होता है इसमें एक नॉब लगा हुआ होता है जो आयरन में ऊपर की ओर निकला हुआ होता है। इस नॉब को घुमाने पर आयरन का तापमान सेट किया जाता है।
आयरन के knob को घुमाकर निश्चित तापमाम पर adjust कर देते हैं और जब आयरन एडजस्ट किये हुए तापमान पर चला जाता है तब इसका ऑटोमैटिक पार्ट कार्य करने लगता है और लाइन को disconnect कर देता है जिससे कि क्वाइल तक सप्लाई पहुँच नहीं पाता है और वो गर्म होना बंद हो जाता है।
Automatic part के बंद होते ही coil को supply मिलने लगती है जिससे कि आयरन फिर से एडजस्ट किये तापमान तक गर्म हो जाता है।
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